बिहार में लोग जातीय आधार पर राजनीति तो करते हैं लेकिन क्या आप जानते है बिहार पुलिस भी सामंती सोच के साथ ग्रामीण क्षेत्र में पुलिसिंग करती है …. “बोली की गोली” उस तस्वीर को ले कर आए हैं जिस तस्वीर को देख आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं क़ि आज भी ग्रामीण अंचलों में बिहार पुलिस के कुछ लोग सामंती सोच के साथ ड्यूटी बजा रहे हैं ..सभी जानते हैं भारत में वही कानून लागू है जो अंग्रेजी हुकूमत में ब्रिटश ने कानून बनाया था 1861 में … अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत में उस कानून का नाम दिया था इंडियन पुलिस एक्ट 1861 … ब्रिटिश सरकार चली गयी लेकिन आजादी के बाद भी बिहार में आज भी अंग्रेजी हुकूमत के तर्ज पर कुछ पुलिस वाले है …

तस्वीर है बिहार के मुजफ्फरपुर की … जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर मुशहरी थाना क्षेत्र का बुधनगरा राधा गांव .. एक महिला के मौत के बाद पहुंची पुलिस टीम … तस्वीरों में देख सकते हैं जनाब पुलिस वाले कुर्सी का सम्मान पा कुर्सी पर विराजमान हैं … वही ग्रामीण वृद्ध जमीन पर बैठे हैं … कागज़ की कागजी कार्रवाई एक वर्दी वाले कर रहे थे लेकिन अन्य वर्दी वाले तस्वीर खिंचवाने के लिए ब्रिटश हुकूमत को याद दिलाते रहे … वर्दी है तो सामंती सोच भी साथ ले कर ग्रामीण अंचल में अपना सिक्का जमा कर अंग्रेजी हुकूमत का याद दिलाते रहे … खैर सोच अपनी अपनी … ग्रामीण गरीब हैं …. समाज के पिछड़े पायदान पर हैं तो जमीन ही सही … बैठ ही जाएंगे ..