होली का महीना चल रहा है ऐसे में ‘बोली की गोली’ में ले कर आए हैं एक PSI से इंस्पेक्टर तक के सफर तय कर चुके एक विवादित पुलिस वाले की कहानी … विवादित जी हाँ सही पढ़े हैं विवादित … विवादित रहे इंस्पेक्टर पुलिस विभाग में रहते हुए, इसके लिए न लेते हैं न देते हैं के शपथ के साथ कार्य किए जिससे अक्सर विभाग में विवादित रहे … खगड़िया जिला के मुफस्सिल थाना में PSI रहते तीन माह में पोस्टिंग हुई थी … उसके बाद से बिहार के कई जिलों में सफर कर चुके तय …

इंस्पेक्टर साहब एक बड़े कांड में जब चर्चित हुए तो उस समय एक अफवाह के कारण एक खबर आयी थी … उस खबर पर उक्त पत्रकार से खफा हो गए कभी किसी ने आरोप नहीं लगाया और अब जनाब इंस्पेक्टर साहब के नजर में पत्रकार बन गए दुश्मन …पत्रकार से दुश्मनी यूपी से बिहार तक कहीं भी निकाल सकते है, चूंकि दोनों यूपी के ही है मूल निवासी … खैर ये ऐसे इंस्पेक्टर हैं जो कई जगह थानेदारी करने के बाद अब थानेदारी से भागते है … जिस जिला में पोस्टेड हैं वहां कई बार बड़े थाना में पोस्टिंग की बात आयी … एक बार डीओ तक हुआ लेकिन उन्होंने अपने चेला को ही प्रभार दिला दिया … चेला ने क्या खेला किया उसका जिक्र अभी नहीं … इंस्पेक्टर फिलहाल अब दुआ कर रहे हैं थानेदारी से दूर खुद को रख कर सीआईडी और स्पेशल ब्रांच में पोस्टिंग हो जाए … देखना दिलचस्प होगा कब तक थानेदारी से भागते हैं …. फिलहाल होली में पीला रंग लगा होली का लुफ्त उठाने में आगे रहने वाले 15 – 20 की स्पीड में स्कार्पियो से कूद शराब कारोबारी को पकड़ने में व्यस्त है …