उत्तर बिहार के बड़े जिला में हाल के दिनों में एक इंस्पेक्टर साहब और उनके क्षेत्र के एक दरोगा जी अब डीएसपी को दे रहे हैं शिक्षा … दरोगा जी नए हैं विभाग में लेकिन EOU के राडार पर आ जाएंगे तो करोड़ के मालिक भी निकल जाएंगे …. शिक्षा देने वाले इंस्पेक्टर साहब की तो मत पूछो … उनके बैच के कई डीएसपी हो गए लेकिन अभी तक इंस्पेक्टर है …. लाजमी है ‘जैसा करनी वैसा भरनी’ वाला जुमला चरितार्थ है … कुछ तो ऐसा कमी है जो डीएसपी बनने में ब्रेक लगा दिया … ये दोनों हज़रात की चुप्पी रही जब तक बड़ा साहब के सामने रहे और फिर बन गए शिक्षक …. डीएसपी साहब खुदे शिक्षित हैं लेकिन मुस्कुराते हुए खामोश रहे … लाजमी है जिला में कम पुलिस पदाधिकारी की वजह से काम उन्ही से लेना है … जिसके सामने शिक्षा दे रहे थे उनके पास दोनों शिक्षक की कुंडली है … एक का तो वीडियो भी है …

अजीब विडंबना है दरोगा जी कोतवाल है …. इलाके में शराब का कभी बड़ा ट्रक फूल लोड नहीं पकड़े, इलाके में स्प्रिट और तेल का भी चलता कारोबार … हद तो ये है टैंकर में चालक की जला कर हो जाती हत्या …. इसी क्षेत्र के सर्किल इंस्पेक्टर का भी हाल ये है इनके सर्किल में सभी अवैध धंधा बदस्तूर जारी है लेकिन इंस्पेक्टर साहब सिर्फ अपने क्षेत्र के थाना पर बैठ आइओ नसीहत देते है “अरे आप काहे ला केश डिस्पोजल पर टेंशन लेते हैं आप की पहुंच ऊपर तक है … बात यहीं समाप्त नहीं होती और जो अधिकारी के बारे में चर्चा हुई उसका जिक्र भी शब्दों में करना पुलिस की गरिमा पर बट्टा लगाने वाला हो जाएगा लिहाजा ये वैसे हैं लेकिन हम नहीं …. वीडियो अधिकारी तक है लेकिन अधिकारी के भावनात्मक दिल का फायदा दिल तोड़ कर उठाते हैं ये दोनों हजरात