‘बोली के गोली’ में ले कर आए हैं बिहार पुलिस के सिपाही यानी पुलिस विभाग के निचले और पहले वैसे लोगों का दर्द जिनका नाम कामयाबी में दर्ज नहीं हो पाता, सिपाही का श्रेय भी ले जाते स्टार वाले पुलिस पदाधिकारी
बिहार पुलिस में कुछ को छोड़ दें, तो बेहतर कार्य करने वाले अधिकारी से ले कर पदाधिकारी मौजूद हैं … लेकिन इसी बिहार पुलिस में पदाधिकारी, अधिकारी के अलावे पुलिसकर्मी जो सिपाही हैं उनका भी कई बड़े अपराध में मिलने वाले पुलिस के उपलब्धि में बड़ा रोल होता है … कई जगहों पर घटनाओं में ये भी दिखा है, रोल ही नहीं मुख्य भूमिका ही सिपाही की होती है, लेकिन पुलिस विभाग के सिपाही का नाम स्टार वाले दरोगा, इंस्पेक्टर,के सामने दब जाता है … आखिर ऐसा क्यों ?
इस सवाल के जवाब को जब ढूंढने की कोशिश की गयी तो सामने आया कि दरोगा और इंस्पेक्टर अपना मीटर उठाने के लिए जिला के पुलिस कप्तान के सामने खुद को ही बड़े रोल में साबित कर देते हैं

मुजफ्फरपुर में ट्रांसपोर्ट कारोबारी पिंटू के गिरफ़्तारी में तीन सिपाही का रोल
पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बड़ी उपलब्धि पुलिस को तब मिली जब तीन सिपाही ने आरोपी के फ़्लैट के इर्द गिर्द नजर रखा … आरोपी के गिरफ्तारी के लिए दो स्टार वाले पटना तक तो कोई फ़्लैट से निकले गाड़ी के पीछे चलते रहे … एक उछल कूद वाले इंस्पेक्टर ने अपने यूनिट के तीन पुलिसकर्मी सिपाही जी को जो लगाया फ़्लैट में वही कारगर साबित हुआ और पिंटू की गिरफ़्तारी करने में कामयाब हुई पुलिस टीम … तीनो सिपाही जी का नाम कहीं नहीं दिखा वही मुजफ्फरपुर से पटना गंगा की हवा खा कर लौटे दरोगा जी का नाम भी उपलब्धि में नजर नहीं आया … ऐसे में पुलिस विभाग के निचले स्तर के सिपाही के मनोबल पर एक गंभीर चोट पहुंचता है

क्या है गिरफ़्तारी का घटनाक्रम
यूपी के कारोबारी से लूटा गया सोना और फिरौती के लिए अपहरण मामले में पुलिस को जब पुख्ता जानकारी पिंटू के बारे में मिली तो उसके गिरफ़्तारी के लिए पुलिस टीम लगी … सदर थाना क्षेत्र में एक अपार्टमेंट की जानकारी के बीच पुलिस टीम को लोकेशन पटना का था … पटना नाटे कद वाले दरोगा प्रस्थान किए … दरोगा पटना सैर करने के ख़ुशी में प्रफुल्लित हो कर प्रस्थान किए, आज तो बड़ा साहब बहुते खुश होंगे टांग के लिए आएँगे आरोपी को … लेकिन इसी बीच आरोपी पटना से मुजफ्फरपुर प्रस्थान कर गया … मधौल के पास आरोपी पुलिस के जाल से बेखबर अपनी ऐसी अकड़ में था की जिस लेन से आ रहा था उसी लेन में दूसरी गाड़ी मुजफ्फरपुर से हाजीपुर रोड के तरफ बढ़ रही थी … आरोपी पिंटू की अकड़ ऐसी कि उसने गाड़ी पीछे नहीं किया .. सामने वाले ने खुद अपनी गाड़ी साइड कर लिया फिर पिंटू का काफिला पहुंचा सदर क्षेत्र में

इंस्पेक्टर तीन पुलिस कर्मी का रोल
अपार्टमेंट के बाहर वृद्ध इंस्पेक्टर क्लीन शेव में नाकाम युवा बनने की चाहत के साथ प्रवेश करते हैं .. अपार्टमेंट से जुड़े मैनेजर ने इंस्पेक्टर को रोका, मैनेजर ने पहले इंस्पेक्टर को पहचाना भी नहीं … इसी बीच उछलकूद वाले क्लीन शेव वाले इंस्पेक्टर ने तीन पुलिस कर्मी को सादे लिबास में लगा दिया गया … इसी दौरान पिंटू की एक गाड़ी बाहर निकली … एक टीम उसका पीछा शुरू किया लेकिन उसमे पिंटू नहीं था … तीन पुलिसकर्मी सिपाही ने इंस्पेक्टर को रिपोर्ट किया सर पिंटू अंदर है … इस बीच इलाके के ढलती उम्र वाले कोतवाल को अकेले बुला लिया गया और साथ ही पटना गए दरोगा जी को भी वापस तब बुला लिया गया था जब गांधी सेतु लोकेशन मिला था आरोपी का .. टीम अंदर गयी और पिंटू की गिरफ़्तारी और बरामदगी हुई .
प्रेस रिलीज दिया गया उसमे सिर्फ डीआईयू के पुलिस टीम और पुलिस कर्मी जिक्र था लेकिन कहीं भी उनका नाम नहीं … हाँ क्लीन शेव वाले वृद्ध और एक बढ़ते, ढलते उम्र के साथ बेहतर कार्य करने वाले कोतवाल का नाम सिर्फ शामिल था बाकी डीएसपी साहब लोगों का नाम … ऐसे में मुख्य रूप से रेकी और घेराबंदी करने वाले तीन पुलिसकर्मी सिपाही जी स्टार वालों के बीच गुमनामी में चले गए …