‘बोली की गोली’ में सच्ची कहानी ले कर आए हैं …. मुजफ्फरपुर में एक रोचक तस्वीर देखने को सामने आया था … मामला है एक गोली कांड से जुड़ा हुआ … जिस थाना क्षेत्र में गोलीबारी हुई उस थाना में एक नहीं कई गाड़िया हैं लेकिन सभी गाड़िया बड़ी गस्ती में व्यस्त थी … लाजमी है हर मामले में जिला का बड़ा थाना में से एक है …. व्यस्त तो होंगे हीं किसी न किसी रूप में …. घटना 7.62 से फायरिंग का था लेकिन 47 के बाद पहुंची उक्त क्षेत्र की पुलिस …. AK 47 नहीं 47 मिनट बाद पहुंची एक साथ दो गाड़ियों का काफिला … मौके वारदात से जिला के कप्तान हॉट लाइन पर ऑनलाइन थे … लिहाजा साहब ने नजदीक में गस्ती कर रहे दूसरे थाना के SHO को मौके वारदात पर पहुँचने के लिए निर्देश दिया और SHO इंस्पेक्टर एक ASI और दो पुलिसकर्मी के साथ मौके वारदात पर पहुँच कर तफ्तीश में जुटे …

इसी दौरान क्षेत्र के थाना से दो गाड़ी पहुंची … दोनों पर जो सवार थे वह निराले थे … एक पुरुष पदाधिकारी ने पिलेट को खोखा और खोखा को बुलेट के रूप में शिनाख्त किया …महिला PSI उत्तरी गाड़ी से सिंघम स्टाइल में लेकिन अगले पल उन्हों ने पहले से पहुंचे दूसरे थाना के वृद्ध SHO इंस्पेक्टर को हड़काया .. “आप लोग CCTV नहीं लगाते … CCTV ठीक रखना चाहिए न …. ” इंस्पेक्टर साहब की बोलती बंद लेकिन फिर इंस्पेक्टर ने खुद का परिचय देते हुए टास्क दिया आगे जाओ और अन्य CCTV से तफ्तीश करो …. गाड़ियों के काफिला में एक इंस्पेक्टर साहब के बैचमेट भी थे … बताया गया चार्ज में हैं … एक अनुभवी और दो विभाग के ट्रेनिंग वाले आज तक CCTV से तफ्तीश करते ही रह गए … वहीं वृद्ध इंस्पेक्टर ख़ामोशी के साथ अपने क्षेत्र में शराब पकड़ने में व्यस्त दिख रहे हैं …