बात अपराध की करेंगे ‘बोली की गोली’ में …. इन दिनों एक नहीं कई थाना में कोतवाल के संरक्षण में जैसे उनके अधीनस्थ ट्रेनी पुलिस वाले जो खेल कर रहे हैं उससे साफ़ है आने वाला दिनों में अपराध को रोकने में पुलिस नाकाम रहेगी … दिन प्रति दिन अपराध बढ़ना शुरू हो चूका है … हद तो ये है थाना में जो बीट बाटा गया है उसमे शराब नियंत्रण और अपराध नियंतरण के दावे किए जाते हैं न सिर्फ कुछ कोतवाल कुछ ऐसे में हैं जो गलतियों पर पर्दा डालने के लिए बड़े साहब तक के सामने वैसे लोगों के बैरिस्टर बन खड़े हो जा रहे हैं … ये बैरिस्टर बने लोग ये भूल गए हैं की आज की लापरवाही और गुनाह पर उन्हें नहीं कंट्रोल किया गया तो आगे और मनोबल बढ़ जाएगा … फिर जो होगा तब तक चार वर्ष और दो वर्ष पूर्ण कर चुके लोग जिला से जाएगा और शिकार वही होंगे जिन्हे वह बचा रहे हैं …
इन दिनों उत्तर बिहार के एक जिला चर्चा में है … स्मैक का कारोबार करोड़ नहीं अरबों में कहा जाए तो फलफूल रहा है …. शराब मांमले में उक्त जिला के बड़ा साहब या फिर पटना टीम के निशानदेही पर बरामदगी होती है … अन्य जगह सिर्फ नाम के चौकसी है … उक्त जिला में अभी भी नियमित पिने वालों तक शराब पहुंच रहा है … यह बात अलग है बड़े कारोबारी जेल में है … जो बाहर है वह जिला के बड़े साहब के जिला से जाने के बाद आने की उम्मीद लगाए बिहार छोड़ बहार हैं .
कुछ ऐसे लोग जो कांड को मजबूत करने के लिए जो खेल खेल रहे हैं उसका रिजल्ट भी आने वाले समय में सही नहीं लग रहा है … लाजमी है कोई तस्कर का कुरियर अगर बड़े नगदी के साथ पकड़ा जाता है तो इतना ही साक्ष्य काफी है लेकिन गर्मी इतनी की रकम में भी खेल और फिर फिर अन्य बरामदगी से वह जेल जाने के बाद खबर बाहर तक दे देते हैं सारे स्क्रिप्ट का … ऐसे लोग जब जेल से बाहर आ जाएंगे तो वह एक पेशेवर तस्कर या अपराधी ही बनेंगे …. वक़्त की नजाकत को समझे बगैर जो खेल चल रहा है वह ये भूल रहे हैं ये सरकारी स्कूल नहीं है … इस विभाग ने आईपीएस और आईएएस तक पर कार्रवाई होती रहती है … फिलहाल जो हालत नजर आ रहे हैं आने वाले दिनों में सुसाशन पर बट्टा लगना