“बोली की गोली” में आज ले कर आए है तमाम थानों से अलग एक थाना की कहानी … लीजिए आप भी पढ़ें ….
थाना के कोतवाल साहब के नजर में सब है लेकिन आँखों में लक्ष्मी ब्रांड का रेटिना लगा हुआ है … थाना से चंद कदम की दूरी पर एक कॉलोनी में एक ही रात कुछ कदम की दुरी पर दो चार चक्का वाहन की चोरी हो गयी … कोतवाल ने पहले चाहा कि एक ही एफआईआर दर्ज हो दोनों गाड़ी का … लेकिन बात बड़े साहब से निचे वाले साहब तक गयी तब दो एफआईआर दर्ज किया गया … हद तो ये है कोई बड़ी गिरफ़्तारी उक्त थाना क्षेत्र में नहीं हुई … शराब स्मैक का तो सवाल ही न करें जिधर चाहे जब चाहें मिल जाएंगे … पुलिस टीम पीट जाती है लेकिन कोतवाल साहब का एक जवाब होता न न कुछ नहीं हुआ है …
जिला के बड़े हाकिम के साथ मजबूरी ये है कई हीलाहवाली वाले से भी काम लेना पर रहा है कारण साफ़ है उस स्तर के पदाधिकारी की कमी है …ऐसे में इस थाना में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया है … इसी थाना में तैनात एक कोतवाल जेल तक गए .. हाल के दो वर्षो में दो बार एक कोतवाल ऐसे भी आए थे जिनके रहते थाना में लक्ष्मी रूपेण पोटरी पर पाबंदी थी … लिहाजा उक्त कोतवाल से छुप कर बाबा के चाय दुकान या फिर बंसी के सामने नहीं तो अंदर गली में चलता था खेल … अब तो स्थिति ये है कि एक यूडी मामले भी हो तो जनाब डीएसपी साहब को पहुंचना पड़ता है …. ये हैं मुजफ्फरपुर जिला के कोतवाल … एसएचओ इन दिनों काफी चर्चा में हैं … कोतवाल ही नहीं उनके थाना में तैनात अन्य कई कर्मी चर्चित हो रहे हैं जिसमे जनाब मुंशी जी भी शामिल हैं … … मध्य रात्रि गस्ती करनी है … लेकिन इलाके में गस्ती की जगह गाड़ी चेकिंग के नाम पर मस्ती हो रही है … मस्ती अगर पूरा नहीं हुआ तो फिर सरकारी खजाने में चालान काटा जाता है … …