बिहार में इन दिनों आर्थिक अपराध इकाई ‘EOU और SVU ‘विशेष सतर्कता इकाई एक्शन में दिख रहा है … अधिकारियों के खिलाफ ताबरतोड़ कार्रवाई से ये दोनों विभाग ने बिहार में सुशासन का राज है ये दिखा दिया है … भ्रष्ट कोई भी हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई दिखने लगी है … डीजीपी को कॉल करवा कर बेदाग और फिर नयी पोस्टिंग की चाहत रखने वाले आदित्य कुमार हों या फिर अप्रत्यानुपातिक धनार्जन से संबंधित मामले में दया शंकर हो दोनों को एक दिन में सस्पेंड कर दिया गया …. इस मामले में गृह विभाग का दो संकल्प आदेश निर्गत कर दिया गया
वसूली गैंग कहें या एसपी – दया शंकर किस मामले में सस्पेंड
दया शंकर नाम के दया वाले दिखे लेकिन धन जमा करने के मामले में आगे रहे … खुद तो खुद इनके इलाके के थानेदारों ने भी बड़ी रकम की उगाही किया … हद तो ये है इनके कार्यकाल के रीडर की कमाई इतनी थी की VVIP के तरह रीडर का कुत्ता भी जिंदगी जी रहा था … पूर्णिया एसपी दया शंकर के विरुद्ध विशेष निगरानी इकाई, बिहार, पटना द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (a) एवं (b) सहपठित धारा 13 ( 2 ) सहपठित धारा 12 तथा आई०पी०सी० की धारा 120 (B) के तहत विशेष निगरानी इकाई थाना कांड संख्या-13/2022 दिनांक 10.10.2022 के तहत कांड दर्ज किया गया था … यह कांड अप्रत्यानुपातिक धनार्जन से संबंधित है, इस मामले में अनुसंधान जारी है … अनुसंधानान्तर्गत होने तथा उसमें निहित आरोपों को गंभीरता एवं प्रकृति पर विचारोपरांत राज्य सरकार द्वारा अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 3(3) में निहित प्रावधानों के अंतर्गत आईपीएस दया शंकर को तत्कालिक प्रभाव से निलंबित किया गया है राज्य सरकार द्वारा .. निलंबन की अवधि में IPS दया शंकर का मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक, केंद्रीय क्षेत्र, पटना का कार्यालय होगा … निलंबन अवधि में आईपीएस दया शंकर को अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 4 के अधीन मात्र जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा
थे बिहार में आईपीएस रखते थे दलाल और ठग
आदित्य कुमार, भा०पु० से० (2011) पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (निरीक्षण) बिहार, पटना के विरुद्ध आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पटना द्वारा धारा 353 / 387/419/420/467/468/ 120 (B) भा०वि० तथा 66(c) एवं 66(D) IT Act 2000 के तहत आर्थिक अपराध थाना कांड सं0 33/2022, दिनांक 15.102022 दर्ज किया गया है, जो माननीय मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय पटना के नाम का छद्म दुरुपयोग कर मोबाईल नंबर 9709303397 के धारक / उपयोगकर्ता द्वारा पुलिस महानिदेशक, बिहार, पटना एवं राज्य प्रशासन के वरीय प्राधिकारों को मोबाईल कॉल एवं व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से सम्पर्क कर एक वरीय पदाधिकारी के हित में प्रशासनिक निर्णय लिए जाने हेतु दबाव बनाये जाने के मामले से संबंधित है। आर्थिक अपराध इकाई की जाँच में पुष्टि हुई कि यह कृत्य श्री आदित्य कुमार के हित में प्रशासनिक निर्णय लेने हेतु किया गया
इस मामले में आदित्य कुमार हुए सस्पेंड
आदित्य कुमार एवं उनके खिलाफ दर्ज मामले में अन्य के विरूद्ध एक संज्ञेय अपराध है .. आदित्य कुमार, आईपीएस (2011) के विरूद्ध कांड दर्ज होने के बाद मामला अनुसंधानान्तर्गत होने तथा उसमें निहित आरोपों को गंभीरता एवं प्रकृति पर विचारोपरांत राज्य सरकार द्वारा अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1989 के नियम 3 ( 3 ) में निहित प्रावधानों के अंतर्गत आईपीएस आदित्य कुमार को तत्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया गया … निलंबन की अवधि में आईपीएस आदित्य कुमार का मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक, केंद्रीय क्षेत्र, पटना का कार्यालय होगा …. निलंबन अवधि में आदित्य कुमार को अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1963 के नियम 4 के अधीन मात्र जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा