बिहार में विदेशों से आता ड्रग्स – ड्रग्स कारोबार के पीछे बड़ी साजिश

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बिहार में ड्रग के बहाने युवाओं को ले रहा है कई विदेशी संगठन अपनी चपेट में  ……बिहार में अक्सर स्मैक बरामद होता है लेकिन बड़ा बरामदगी नहीं दिखी  …. न ही बड़े कारोबारी गिरफ्त में आए  … इस धंधे पर करोड़ की कमाई करने वाले पुलिस पकड़ से बाहर हैं  … हद तो ये है   ….. बिहार के किसी थाना में पूर्व के कोतवाल किसी मिडिल ड्रग्स पैडलर को गिरफ्तार कर जेल भेजा तो जेल से छूटने के बाद नए कोतवाल उसपर कार्रवाई की जगह उससे बातें करते नजर आते हैं  … बात कैसी होती होगी समझा जा सकता है   ….

 

ऐसे में बिहार के युवाओं को ये ड्रग्स पैडलर अपने चपेट में ले लेते हैं   … इन युवाओं से अपराध तो कराए जा रहे हैं या खुद नशे के आदि अपराध करते ही हैं  …. एक बड़े साजिश के तहत विदेश में बैठे ड्रग्स पैडलर के आका कभी भी बड़े विध्वंशक अपराध तक कारित करा सकते हैं इससे इंकार नहीं किया जा सकता है    …..


हमारी CRIME 1 PMB की टीम ने ड्रग्स पैडलर्स का जब सर्वे किया तो कई चौकाने वाले खुलासों के बीच ये साफ़ हो गया की ड्रग्स तस्करों का पसंदीदा जगह बनता जा रहा है बिहार  ….. भारत पहुंचने वाला अधिकतर ड्रग्स पाकिस्तान से पहुंचता है  …. CRIME 1 PMB के सर्वे में ये जानकारी मिली की पंजाब,दिल्ली और गुजरात में एनडीपीएस धाराओं में जेल में बंद 872 ड्रग्स पैडलर ने माना है कि अधिकांश ड्रग्स पाकिस्तान और अफगानी मुल्क से आता है   ….


दिल्ली पुलिस के तत्कालीन एडिशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में दो वर्ष पूर्व अफगानी युवक मोहम्मद रूहुल्लाह को 12 करोड़ के ड्रग्स के खेप के साथ गिरफ्तार किया था   … तत्कालीन डीसीपी की माने तो टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था तस्कर   …..

 

दिल्ली में रह कर लखनऊ और पंजाब में डिलीवरी देना था   … सूत्रों की मानें तो तस्कर नेपाल के रास्ते और फिर बंगाल के रास्ते बिहार में ड्रग्स का खेप पहुंचा रहे है   …


बॉर्डर इलाके के सीमावर्ती गांव दुलारपुर कैरी में भी कुछ वर्ष पूर्व तीन तस्कर गिरफ्तार हुए थे   …. भारत – पाक सीमा पर सतनाम और बलविंदर सिंह दोनों भाइयों की जमीन है  … इन्हे बीएसएफ के जवानों ने गिरफ्तार किया था   … ये दोनों भाई पंजाब के एक शख्स से मदद ले कर तस्करी का ड्रग्स इंडिया भेजते थे   …

 

पाकिस्तानी तस्कर ड्रग्स को इंडिया के क्षेत्र में फेंकते हुए दिखे थे  … बताया जा रहा है 6 पैकेट कुल 6 KG फेका गया था   ….. जिसमे पांच पैकेट उन दिनों पंजाब के तस्कर ले भागे एक पैकेट तारबंदी के पास से बीएसएफ ने बरामद किया था   ….


पाकिस्तान से और अफगानी इलाके से स्मैक और अन्य ड्रग्स का खेप कई रास्तों से आना बदस्तूर जारी है न सिर्फ भारत में भारत के अन्य राज्यों के साथ बिहार में भी ड्रग्स के बड़े सिंडिकेट का फैलना आने वाले समय में और भी घातक साबित हो सकता है   ….

 

नेपाल के कई बॉर्डर से तस्करों का सुरक्षित क्षेत्र उत्तर बिहार का मुजफ्फरपुर बना हुआ है   …. इन ड्रग्स पैडलर के बड़े आकाओं को थाना स्तर से नहीं पकड़ा जाना ये बड़ा सवाल खड़ा करता है   … जिन थाना क्षेत्र में बड़े कारोबारी का ठिकाना है वह स्थान पुलिस नहीं पहुँच पाती ऐसे कई जिले हैं जो मुजफ्फरपुर के बाद ड्रग्स पैडलर के लिए सुरक्षित बनता जा रहा है    …


बिहार में अक्सर कुछ पूड़ियों में या कम मात्रा का ड्रग्स पकड़ थाना स्तर से बड़ी उपलब्धि दिखा दी जाती है  … लेकिन कभी भी बड़े तस्कर जिनका नेटवर्क सीधे विदेश से जुड़ा है या यूँ कहें तो वह तस्कर जो किलो में ड्रग्स का खेप मंगवाते हैं और फिर उसे छतों पर सूखा कर छोटे छोटे पैकेट में 50 ग्राम और 100 ग्राम के पैकेट में ड्रग्स पैडलर को बेचते हैं वह पुलिस पकड़ से ज्यादा तर बाहर ही होते है  …

 

कुछ जगहों पर बिहार में वर्ष दो वर्ष में एक बार ऐसे तस्कर पकड़े जाते हैं लेकिन अधिकांश बड़े तस्कर पुलिस के पकड़ में न आते हैं और न ही पुलिस थाना स्तर से उनतक पहुँचती है   ….. हर बड़े जिलों में ऐसे दर्जन भर बड़े ड्रग्स पैडलर हैं जो करोड़ो की कमाई के लिए नस्ल बर्बाद करने में जुटे हुए हैं  …. इन तस्करो के अंदर में दूसरे तीसरे स्तर पर जो बड़े तस्कर हैं वह भी पुलिस पकड़ से बाहर होते हैं  … ,चौथे पायदान पर जो ड्रग्स पैडलर हैं  वह कभी कभी पकड़ में आते है    …. और पांचवे स्तर पर जो पैडलर सीधे ग्राहक तक ड्रग्स पहुंचते है वह अक्सर पकड़ में आते हैं और थाना स्तर से बिहार पुलिस के उसे ही बड़ी कामयाबी बता अपनी पीठ खुद थपथपाती है  …

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