“बोली की गोली” स्तंभ में PMB न्यूज़ आज एक आईपीएस के कार्यप्रणाली को शब्दों में पिरोया है .. परिवर्तनों के प्रति सकारात्मक दृष्टि सर्जनात्मक खबर सार्थक व्यंग्य को आज इस आईपीएस के लिए जन्म दे रहा है … अक्सर ऊपर वाले अधिकारी नीचे वाले को ही छोटे कार्य के लिए निर्देश देते हैं … और उन्हीं से छोटे कार्य कराते हैं … थाना अध्यक्ष अपने अंदर के पुलिस पदाधिकारी और सिपाही चौकीदार से कराते हैं तो उससे ऊपर के अपने नीचे वालों से …
“बोली की गोली” स्तंभ में हम नाम और जगह का खुलासा नहीं करते व्यंग्य की वजह से …. इस स्तंभ में हम जिला का नाम खोलते हुए सकारात्मक दृष्टि से आँखों देखी लाए हैं .. मुजफ्फरपुर जिला के पुलिस कप्तान आईपीएस जंयत कांत एक छापेमारी के दौरान जो दिखे …. उससे उनके कार्यप्रणाली से उनके निचे के सिपाही तक के चेहरे पर जो ख़ुशी और जज्बात नजर आते रहे वह देखते बनता था …

छापेमारी के दौरान गंदे कार्टन और गंदे वस्तुओं को खुद एसएसपी अपने हाथों से और लाठी से हटाते हुए तलाशी करते दिखे … गंदगी के बीच एसएसपी ने किसी इंस्पेक्टर न किसी दरोगा और न हीं अपने गार्ड या फिर कहें मौजूद करीब 27 सिपाही को इस कार्य को करने के लिए लगाया … एसएसपी जब गंदे वस्तुओं के बीच थे तो पुलिस कर्मी नजर उन पर थी लेकिन वरीय होने का कोई अकड़ नहीं दिखा … एक सामान्य सिपाही चौकीदार को जिसे दरोगा इंस्पेक्टर लगा देते हैं वैसे में एक आईपीएस की इस कार्यशैली पर सिपाहियों के चेहरे पर एक भावनात्मक गर्व दिखा … मेरे साहब ऐसे भी हैं …