हैरान न हों आप ने सही पढ़ा है मुजफ्फरपुर के सरैया थाना में हो गयी चोरी … चोरी के बाद इलाके में इस घटना की खूब चर्चा हो रही है … पुलिस सुरक्षा में थाना में लगे सीसीटीवी के बीच चोरी की बड़ी वारदात ने ये सोचने पर आम लोगों को मजबूर कर दिया है कि जब पुलिस ही असुरक्षित है तो आम लोगों की क्या सुरक्षा दे पाएगी … हद तो ये है थाना के कोतवाल को जब कॉल किया गया तो कॉल काटते रहे …. सूचना ये भी है की जिस PSI की बाइक चोरी गयी है उसके छुट्टी से लौटने के बाद घटना स्थल को बदल कर एफआईआर दर्ज करने के कोशिश की जा रही है … //////

दरोगा जी चोरी हो गइल
सरैया थाना परिसर से विगत शुक्रवार की रात्रि अज्ञात चोरों ने एक पीएसआई की पल्सर बाइक जो कुछ माह पूर्व खरीदी गयी थी चोरी कर लिया गया साथ ही एक शराब तस्कर की बुलेट व एक एसआई उपेंद्र पासवान के सोए अवस्था मे वर्दी के पॉकेट से 2600 रु चुरा लेने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात्रि अज्ञात चोरों ने थाना परिसर से पीएसआई अनिल कुमार की पल्सर बाइक व जैतपुर ओपी क्षेत्र के रामकृष्ण दुबियाहीँ गांव निवासी शराब तस्कर भोला सिंह BR06 BS 5247 बुलेट गाड़ी चोरी कर फरार हो गए … एक सवाल और है जिस बुलेट को जिस मामले में थाना पर लाया गया था उस तारीख को क्या स्टेशन डायरी मेंटेन किया गया या एफआईआर दर्ज किया गया … बात थाना की है तो स्टेशन डायरी में अंकित कर ही लिया जाएगा ..

PSI छुट्टी में – PO बदलने का प्लान
पीएसआई अनिल कुमार अवकाश पर अपने पैतृक गांव बक्सर गए हुए हैं. वहीं विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि पीएसआई पर अवकाश से आने के बाद अन्यत्र जगह से गाड़ी चोरी होने की प्राथमिकी दर्ज करने का दवाब बनाया जा रहा है कोतवाल के द्वारा … रुपया पॉकेट से चोरी भी छुपा लेंगे .. अगर घटना स्थल भी बदल दिया जाए तो फिर जब्त बाइक बुलेट के लिए क्या करेंगे कोतवाल …

मुजफ्फरपुर में हथियार तक थाना से होता रहा है चोरी
थाना में चोरी मुजफ्फरपुर में नयी बात नहीं है … मुजफ्फरपुर जिला में अवस्थित बीएमपी 06 से भाड़ी मात्रा में हथियार की चोरी हो गयी थी .. मिठनपुरा थाना में मालखाना से जब्त एमआर का सामान की चोरी … मिठनपुरा थाना बैरेक से ASI का पिस्टल’/रिवाल्वर चोरी … नगर थाना से हथियार चोरी … चतुर्भुजस्थान नाका से हथियार चोरी ऐसी कई घटना हुई है पूर्व के वर्षों में … लेकिन सभी मामले में थाना में एफआईआर दर्ज हुआ लेकिन सरैया मामले में कोतवाल द्वारा मामले को दबाने के लिए कई दिन लगा दिया गया … अब तो आलम ये है कि छुपाए भी नहीं छुपा मामला और उसी थाना से बाहर आ गया मामला … वही इस मामले में क्षेत्र के एसडीपीओ किसी जानकारी से इनकार किए है … ऐसे में बड़ा सवाल ये भी कोतवाल ने वरीय अधिकारी से मामले को छुपाया … ये भी कार्य में बड़ी लापरवाही है वैसे इलाके के लिए जिस इलाकें में कोतवाल हैं वह इलाका नक्सल प्रभावित है …