बिहार के ट्रेनी डीएसपी आशुतोष कुमार के फंसने की इनसाइड स्टोरी में आज खुलेगा हर राज … कैसे चली गोली क्यों अब अपने ही दोस्त के परिजन उठा रहे हैं सवाल …. ऐसी क्या बात ? जो मृतक के परिजन कोई हत्या बता रहे हैं तो कोई अन्य सवाल खड़ा कर रहा है … निखिल के मौत से आशुतोष को क्या फायदा था …. शायद कुछ नहीं … दोस्तों की एक अच्छी मण्डली थी …. हत्या की न प्लानिंग थी … हत्या की न प्लानिंग थी न मंशा था …. जानकर बताते हैं कॉक पिस्टल से फायरिंग हुई और इस हादसा में निखिल घायल हो गए जिससे उनकी मौत हुई ….
मृतक के परिजन के आरोप से कई सवाल खड़ा हो रहा है ... … VIDEO
https://youtu.be/aowPUXNpDNc
सवाल बड़ा है अगर डीएसपी को दोस्त की हत्या करनी थी तो फिर खुद उसे बुला कर साथ क्यों ले जाते … हत्या की अगर नियत होती तो साक्ष्य के रूप में खुद बुलाते क्या ? हत्या करने की प्लानिंग रहती तो हादसा में गोली दोस्त को लगने के बाद क्या खुद उसे लेकर अस्पताल जाते ? अस्पताल में दोस्त को मृत घोषित करने के बाद क्या खुद थाना जाते ? ऐसे कई सवाल है जिसका जवाब झारखण्ड पुलिस को तफ्तीश में सामने लाना एक चुनौती है ..

आशुतोष कुमार ट्रेनी डीएसपी को तैराकी का शौक था … ये बताने के लिए ये वीडियो काफी है …. बक्सर में ट्रेनिंग के दौरान सिमरी थाना में चार माह तक पोस्टेड रहे … इस दौरान वह अक्सर बक्सर के नदी में तैराकी करने जाते थे … आशुतोष कुमार ट्रेनी डीएसपी में एक खूबी ये रहे कार्यकाल के दौरान वह अपने से बड़े उम्र के पुलिस कर्मी और छोटे उम्र के आम लोग हो या पुलिस कर्मी या फिर दोस्त सभी से मित्रता की तरह व्यवहार करते थे … यही कारण था जब वह तैराकी करने जाते तो उनके साथ थाना के अन्य पुलिसकर्मी भी साथ होते थे ..
देखें वीडियो जब बक्सर में ट्रेनी डीएसपी तैराकी के लिए जाते थे तो कैसे वह नदी में मस्ती करते थे …
https://youtu.be/cP4oVke_QUs
इस वीडियो से साफ है की तैराकी के शौक ने हत्या ऐसे अपराध में आशुतोष को जेल जाना पर गया … वहीं दूसरी तरफ मृतक निखिल रंजन की मौत के मामले में डीएसपी समेत तीन युवकों पर हत्या मामले में कोडरमा जेल भेज दिया गया …. मृतक 26 वर्षीय निखिल रंजन बेऊर बिहार पटना निवासी के पिता ऋषि देव प्रसाद सिंह द्वारा FIR दर्ज करायी गयी …. इसमें प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार, चेनारी, रोहतास, सौरव कुमार, बेउर, पटना एवं सूरज कुमार, कोडरमा को नामजद अभियुक्त बनाया गया ….. मृतक के पिता अनीसाबाद निवासी ऋषि देव प्रसाद सिंह अभी गया जिले के चेरखी थाना में एसआई हैं …..

पिता के कंधे पर पुत्र का जनाजा …. काफी पीड़ादायक जिंदगी का सबसे बड़ा दुःखद वक़्त से निखिल के पिता ऋषि देव गुजर रहे हैं … ऐसे दर्दनाक पल में उनके द्वारा दिया गया आवेदन पर ट्रेनी डीएसपी और उनके दोस्तों को जेल भेज दिया गया … एक पिता के साथ ऋषि देव एक पुलिसकर्मी भी हैं … अगर इस तरह के कांड के वह अनुसंधानक रहते तो क्या करते ? अब देखना दिलचस्प है झारखंड पुलिस के इन्वेस्टीगेशन के बाद मामला का क्या खुलासा होता है ..
डीएसपी ट्रेनिंग के दौरान ही बुरे फंस गए … इसके पीछे पुलिस विभाग में पालन किए जाने वाले नियमों की अनदेखी और उनकी लापरवाही ने आज जेल तक सफर तय करा दिया … परिजन का आरोप है डीएसपी जबरन बुलाते थे … लेकिन क्या भीतर का राज है यह डीएसपी और निखिल रंजन के कॉल रिकार्डिंग से बातें सामने आ जाएगी … अगर मधुर सम्बन्ध के साथ दोस्ती बेहतर नहीं होता तो निखिल कभी साथ नहीं जाता ……