दूल्हा ही नहीं अब Character बिकता है ‘बोलो खरीदोगे “ये जो संसार है चोर बाजार है “बोली की गोली”

pmbnewsweb
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“बोली की गोली” में ले कर आए हैं चरित्रवान बन कुर्सी पर विराजमान वैसे “जी” की जिन्हें उनके विभाग में कहा जाता है कि वह अपने क्षेत्र के कुर्सी बाबू के हमराज होते हैं  .. यक़ीनन कुर्सी बाबू के बगैर “जी” हर कागजात देखते हैं  … सीन भले कुर्सी बाबू करें  .. हद तो ये है इस भवन को आदर्श कहा जाता है वहीं इस आदर्श भवन के दो मंजिले भवन में अंदर से बाहर तक ऊपर से नीचे तक जो भी खेल होता है उसमें “जी” के बगैर पत्ता नहीं हिलता   ….. आदर्श भवन में अब एक फिल्म के टाइटल को ही बदल दिया है
1982 के दशक में एक फिल्म आयी थी ‘दूल्हा बिकता है’  … इस फिल्म में डायरेक्शन था अनवर पासा का   .. “फिल्म में एक गाना था दूल्हा बिकता है बोलो खरीदोगे, ये जो संसार है चोर बाजार है”   … अनवर पाशा के निर्देशन में बनी इस फिल्म के इस गाना को पलट दिया आदर्श कहे जाने वाले भवन में बैठे “जी” ने  … अब अनवर पाशा भी फेल हो गए  …  ‘चरित्र बिकता है बोलो खरीदोगे’   … दूसरे लाइन जो गाना में था वह नहीं बदला देखें वह लाइन “ये है बेटी तेरी ये है तेरी बहन है रामगोपाल हो या शराफत अली   ….मालदार कुर्सी पर न तो बेटी नजर आती है न बहन  .. नजर आता है तो बस हरे हरे पत्ते  …  सवाल बड़ा है ऑनलाइन दिखावा है, अंदर खाने खेल पॉकेट गर्म कर चलता रहता है  .. “जी” कुर्सी बाबू के अंदर है फिर खेल हो रहा तो अंदाजा खुद आप भी लगा सकते हैं $
जय हिन्द
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