“अनसुनी कहानी” आज कल एक बाबा चर्चित हो गए … बड़े मियां बड़े मियां छोटे मियां की बात निराले … बाबा चौक चौराहों पर टेका लगाते नजर आते हैं … बाबा के चेला भी चौक चौराहों पर टेका लगाते है …. बाबा खुद दक्षिणा लेते हैं … लेकिन बाबा के चेला अपने फ़ौज से नहीं अपना एक निजी चेला रख दक्षिणा लेते हैं …. बाबा के साथ चल रहे फ़ौज से उनकी नहीं बनती ……. बाबा जिस स्टेटिक टेका के हैं वहां के प्रधान बाबा से ले कर अन्य गुरु सहायक भी गुरु चेला से परेशान रहते हैं …. गुरु चेला इतने चर्चित हैं की टेका से ऊपर से मध्यम स्तर के महंत जी के डांट के कई बार शिकार हुए लेकिन गुरु चेला का खेल ख़त्म नहीं हुआ ….
इस टेके के प्रधान से ले कर उसके ऊपर वाले तक के प्रधान तक मामला जाता है … लेकिन बाबा ऐसे कवचधारी हैं की प्रधान भी लाचार दीखते हैं …. नतीजा दक्षिणा के साथ अन्य उगाही से यजमान शोषित हो रहे हैं …. बाबा खेल खेलने में इतने माहिर हैं की उनका दक्षिणा लेने का अंदाज भी निराला है … दक्षिणा में जैसे जैसे जीरो की बढ़ोतरी होती है उससे ऊपर के तमाम महंत और प्रधान पुजारी तक का नाम बेच लेते हैं …. बाबा बताते हैं दक्षिणा आगे तक देना पड़ता है … दुर्भाग्य यहाँ ये है प्रधानों को तो छोड़ दें स्टेटिक टेका के महंत को भी शायद नहीं ही मिलता दक्षिणा लेकिन बदनाम सभी होते हैं यजमानो के नजर में ……
बाबा का दो मामले में काफी चर्चित हुए …. एक यजमान का हेलमेट बंधक रख लिए … दक्षिणा ले कर पहुंचा तो हेलमेट दिया गया … बाबा काफी कोमल हृदय के हैं … यह ब्याज मुक्त दक्षिणा का ग्रेस टाइम देते हैं … उसके लिए दूरगामी वार्तालाप यन्त्र में मिस कॉल भी लेते हैं …… चेला गुरु मिल कर बड़ा दक्षिणा लिए … बात प्रधान से ऊपर के प्रधान तक पहुंचा लेकिन गुरु चेला को पर्याप्त समय दे दिया गया ….. गुरु चेला दक्षिणा देने वाले को दूरगामी यन्त्र के माध्यम वाले चलचित्र के माध्यम से धमका डाले …. फिर भी मामला नहीं बना तो गुरु चेला साथ में कहीं गए और मामला रफा दफा कर बीच वाले टेका महंत तक दक्षिणा मामले को रफा दफा कर देने का दबाव बनाए ……
बाबा तो खुद दूरबीन में एक नहीं कई बार चलचित्र के साथ कैद हुए लेकिन चेला चौक चौराहों पर लगे टेका के दूरबीन से दूर अपना निजी चेला से दक्षिणा लेते रहते हैं …… ऐसे में यजमानो को दिए गए वोल्टेज के साथ दक्षिणा के खेल की कहानी सच साबित करते हुए दोनों गुरु चेला की बल्ले बल्ले है .. कमंडल का खेल है चलता रहेगा … यजमान तो यजमान है उन्हें क्या वह शोषित होते रहेंगे ….
जय हो टेका की जय हो गुरु चेला की …..