“अनसुनी कहानी” DGP को सिपाही ने खैनी खाने का किया पेशकश और कर दिया डीआईजी का हीं शिकायत 

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बिहार में आजादी के बाद पहली बार एक वर्ष पूर्व तक देखने को मिला जब बिहार पुलिस के पुलिस कप्तान यानी डीजीपी खुद जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों के थानों में अकस्मात पहुँच कर औचक निरीक्षण करने लगते थे   … डीजीपी के इस अदा से जहां पुलिस कर्मियों और पदाधिकारी से ले कर अधिकारी तक के बीच एक ऊर्जा मिलती थी वहीँ गलत करने वाले के आँखों के किरकिरी भी बनते थे तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय   …

बात है 2019 का   … औचक निरीक्षण में  भागलपुर पहुंचे तत्कालीन डी०जी०पी से एक सिपाही ने तत्कालीन डी०आई०जी०  विकास वैभव की कर दी शिकायत   …. सिपाही ने बोला यहां के डी०आई०जी० काम नही करने वालों को सस्पेंड ही कर देते है  …. डीजीपी ने शालीनता से उसके बातों को सुना  … फिर क्या सिपाही ने डीजीपी को पहचाना नहीं और फिर अगले पल डीजीपी साहब को खैनी की भी पेशकश कर दी “खाएं खायम खाईं खैनी”  ….

बिहार के आईपीएस विकाश वैभव ने 2019 में खुद इस बात का जिक्र फेसबुक सोशल साइट पर किया  …. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इन दिनों सूबे के थानों की जांच पड़ताल करने में लगे हैं  ….  वे लगातार औचक निरीक्षण कर पुलिसिया व्यवस्था को दुरुस्त कर अपराध को नियंत्रित करने में जुटे हैं  ….  साथ ही साथ एक बड़ा मकसद है पुलिस तंत्र के प्रति जनता के मन में विश्वास पैदा करना  ….
इसी कड़ी में सुबह बिहार के पुलिस कप्तान सादे लिबास में  भागलपुर के नवगछिया पहुंचे  …  सबसे पहले डीजीपी मोटरसाइकिल की सवारी कर नवगछिया आदर्श थाना पहुंचे  ….  सिपाहियों से हाल चाल पूछा तो तपाक से एक सिपाही कह बैठा कि यहां का डीआईजी सबको सस्पेंड ही कर देते है  ….  जाहिर है की थाने के सिपाही सिविल ड्रेस में पहुंचे डीजीपी को पहचान नहीं पाया   …. बता दें कि सिपाही बातचीत के दौरान अपने डीजीपी साहब को खैनी की भी पेशकश कर दी  …

बिहार के पुलिस मुखिया का औचक निरीक्षण के उस कार्यकाल को लोग अभी भी याद करते हैं   … आम लोग के साथ पुलिस विभाग में वफ़ादारी के साथ कार्य करने वाले पुलिस कर्मी,पुलिस पदाधिकारी से अधिकारी तक उन दिनों को नहीं भूलते जिससे उनमे एक नयी ऊर्जा जन्म लेती थी  … छोटे छोटे मामलों के साथ बड़े मामलों में सीधा संवाद सूबे के पुलिस मुखिया से हो जाता था   …

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