‘अनसुनी कहानी’ के “पिटारा” से आज निकल रहा है ऐसे दरोगा जी की कहानी जो काफी भावुक थे … इलाके में 14 से 18 रोटी किलो दूध के साथ होटल में बैठ खाने में चर्चित हुए … काफी धार्मिक रहे जब तक जिला में रहे … थाना में थाना अध्यक्ष के कक्ष में अगर बड़ा साहब आ जाएं तो उधर ताकते भी नहीं थे … लेकिन किसी कांड में समीक्षा के लिए या प्रोग्रेस के लिए बड़ा साहब तलब कर दिए तो सम्बोधन माईबाप से ही करते थे …
दिल के साफ़ दरोगा जी को एक तवायफ से भावनात्मक सम्बन्ध हो गया … भावनात्मक सम्बन्धों को ऐसा निभाया की उस तवायफ के बच्चे बच्चियों को स्कूल फी या ट्यूशन फी में कमी आती तो वह अपनी सैलरी में से दे देते … खाली हाथ कभी नहीं साइकिल पान दुकान पर लगा मिष्ठान ले कर ही जाते … खबर है भावनात्मक सम्बन्धों में जब रिश्ते बदले नजदीकियां बढ़ी उसके बाद आना जाना लगा रहा .. उसके बाद जमादार साहब का तमंचा चोरी हो गया … आरोप था की छुट्टी में गए तो बैरक में से चोरी हो गया … .. चोरी हुई या नहीं ये तफ्तीश आज तक उक्त जिला में चौथे साहब आ गए वही थाना में तीसरे कोतवाल आ गए लेकिन नहीं हुआ … जमादार साहब दरोगा हो रिटायर कर गए … पुलिस अपने विभाग का चोरी गया पिस्टल खोजने में नाकाम बा …