मुजफ्फरपुर में साजिश की शिकार क्यों हुई मुशहरी पुलिस ? आखिर ऐसा क्या जिससे जनता है आक्रोश में Don’t hide the truth

pmbnewsweb
9 Min Read
मुजफ्फरपुर में कई बार पुलिस पर हमला की खबर आती रहती है, ताजा मामला सामने आया है वह मुशहरी पुलिस पर हमला का है  … अधिकारी से लेकर सिपाही तक को ये समझ में नहीं आ रहा आखिर ऐसा क्या हुआ ? जिस वजह से बगैर किसी वजह के पुलिस टीम पर हमला हो गया  .. हमला के बाद पीट चुके पुलिस वालों के द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए दर्जनों को जेल भेज दिया गया और आरोपी डेढ़ सौ की संख्या में बनाए गए हमलावर  … नामजद आरोपी के साथ अज्ञात हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर कर दिया गया है  … मौके वारदात और इलाके से जो ख़बरें सामने आ रही है उससे ये समझ पाना कठिन नहीं है की आक्रोश ऐसा बढ़ा हुआ है जिससे फिर किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है
थाना के अंदर से बाहर तक है गड़बड़ झाला 
मुजफ्फरपुर में एक कार्रवाई गायघाट थाना में हुई थी, जब पुरे थाना को क्लोज कर नए कोतवाल के साथ दरोगा सिपाही तक को क्लोज कर नए पदाधिकारियों को पदस्थापना किया गया था  … मुशहरी में जो हालात हो गए है उसके बाद एक बार फिर वह दिन लोगों के जेहन में आ रहा है  … अगर मुशहरी में उसी तरह बड़े अधिकारी ने कार्रवाई नहीं किया तो काफी समय लगेगा थाना के अंदर के भर्ष्टाचार पर अंकुश लगाने में और इलाके में पुलिसिया शोषण से लोगों को राहत दिलाने में  … अपराध की बात की जाए तो समय के साथ पूरे जिले में कंट्रोल करने में एसएसपी कामयाब रहे हैं, वहीं मुशहरी क्षेत्र में हुए लूट और छिनतई और लूट के प्रयास मामले में मुसहरी थाना पुलिस की कोई बड़ी उपलब्धि पिछले कुछ वर्षों में नहीं दिखा  …इलाके में शराब का कारोबार इस कदर बढ़ा हुआ है कि जिला में सबसे अधिक इसी इलाके में आता है   … थाना के चौकीदार का एक वीडियो सामने आया था जिसमे पूर्व के कोतवाल के बारे में चौकीदार बोलते दिखे, खर्चा निकालने के लिए शराब निर्माण और बिक्री पर अंकुश लगाने में दिक्कत है
थाना में जमे पदाधिकारी का गजब खेल 
थाना में कोतवाल के साथ क्षेत्र के एक इंस्पेक्टर और एक दरोगा का वीडियो भी सामने आया था  … दरोगा जी अपने पहुँच का बखान करते रहे और इंस्पेक्टर और कोतवाल हामी भरते रहे  … थाना के अंदर कोई ऐसा चौकीदार या पदाधिकारी नहीं है जिन्हे ये नहीं जानकारी शराब का कारोबार कहाँ कहाँ होता है   .. सिस्टम को चौपट किया गया पिछले कुछ वर्षों में  … शराब के बड़े कारोबारी जो शहरी क्षेत्र से सेंटर लिया या फिर अन्य कारोबारी सभी की जनकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होना थाना स्तर से समझ से परे है
कारण क्या है पुलिस पिटाई का ?
पुलिस पिटाई के दिन में थाना में क्या हुआ ? … आखिर किसे दो दिन से रखा गया और फिर उक्त बंदी के पत्नी द्वारा थाना में मारपीट की घटना हुई  … पुलिस ने आक्रोश में आ कर पति के साथ पत्नी को भी जेल भेज दिया  … आखिर ऐसा क्यों हुआ ? मारपीट की नौबत आयी  .. इस मामले में अंदर खाने जो खबर सामने आयी है सूत्रों के हवाले से एफआईआर से पूर्व खेल हुआ  … एफआईआर के बाद तय तमन्ना शुरू हुआ और फिर पैकेट भी पहुँच गया लेकिन उसमे कुछ और डिमांड हो गया  … फिर क्या बंदी बने पति की पत्नी आक्रोश में आ गयी और शुरू हो गया झोटा झोटी  … दिन के साथ शाम में फिर हो गया हमला दूसरे जगह  … आखिर पुलिस के खिलाफ आक्रोश क्यों इस मामले में  सामने ऐसे ही कई राज आ रहे हैं
निशाना एक दरोगा क्यों ?
सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसमे ये बात सामने आयी है कि एक दरोगा का किसी से विवाद हुआ था घटना के कुछ दिन पूर्व उसके बाद इस तरह का हमला  … खबर ये भी है जिस स्थान पर जो घटना स्थल है उसके एक किलोमीटर रेडियस में ताड़ी और कच्चा शराब के साथ अंग्रेजी शराब के विक्रेता अपने धंधे को छोड़ पहले से एकत्रित थे करीब चालीस की संख्या में  … पुलिस पहुँचती है और एक जगह प्रवेश करती है, उसके बाद ग्रामीण भाषा में रेड़ी पर जाती है और फिर हमला जोड़दार हो गया  … खबर तो ये भी है टारगेट में एक दरोगा का लोकेशन था  … हद तो ये है हमला की खबर शहर तक पहुँच जाती है लेकिन दूसरी गस्ती टीम नहीं पहुंच सकी वजह तो जांच का विषय है
पुलिस बर्बरता के शिकार हो रहे आम लोग 
इलाके में जो पुलिस की पिटाई या हमला किया वह मुख्य आरोपी फरार हो गए  … खबर ये भी है कुछ बड़े चेहरे भी पलायन कर गए, उसमे मुख्य संदिग्ध साजिश वाले भी फरार हैं    … वहीं इलाके में पब्लिक का आरोप है कि कई निर्दोष को पुलिस एफआईआर संख्या 317/22 में आरोपी बना दिया है  … इसको ले कर इलाके में आक्रोश के साथ तनाव अंदर अंदर बढ़ता जा रहा है  … माले नेता परशुराम पाठक के नेतृत्व में निर्दोषों को बचाने के लिए रणनीति बन रही है   … माले नेता परशुराम पाठक ने बताया कि कई लोग पुलिस के डर से फरार हैं  … जनहित मंच के अधिवक्ता सुशिल कुमार को साथ रख कर पार्टी के तरफ से जमानत की व्यवस्था की जाएगी  … आईजी और डीएम को ज्ञापन दिया जाएगा  …जनता त्राहिमाम की स्थिति में है  … पुलिस के द्वारा किए गए गलत कार्य को क्षेत्र में स्थानीय कई लोग दबाते है उसके पीछे मुख्य वजह दलाली प्रथा हावी हो गयी है
पूर्व में भी हो चूका है कई हमला 
तीन दशक पूर्व तत्कालीन डीएम राजबाला वर्मा के कार्यकाल में पुलिस टीम पर मुशहरी इलाके में हमला हुआ था  … तीन दशक पूर्व ही थाना के अंदर कुर्सी ही नहीं टूटे थे कई तरह से आक्रोश की शिकार हुई थी मुशहरी पुलिस  … एक दशक पूर्व तत्कालीन एक एसआई शराब बंदी जब नहीं था उस दौरान भी शराब के खिलाफ महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे शराब अभियान में झाड़ू के शिकार हुए थे  … कुछ वर्ष पूर्व गरीबों को बेघर करने पहुंची पुलिस टीम पर जबरदस्त हमला हुआ था  … ताजा हमला की घटना के बाद इलाके में आक्रोश को देखते हुए किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है  … कोतवाल को जरूर बदल दिया गया लेकिन आने कोतवाल के कार्यकाल के शुरुआत में चार दिन जो खेल थाना में चला उससे साफ़ है पहले से जमे या वह जो खुद को कोतवाल के बाद का सेकेण्ड मैन समझने वालों के प्रभाव में आ गए हैं नए कोतवाल  … ऐसे में जिला के वरीय अधिकारी को निष्पक्ष जांच के साथ एक बड़ी कार्रवाई करनी होगी  … जिस कार्रवाई से पुलिस भी सुरक्षित रहे और जनता का पुलिस पर भरोषा बढ़े
Share This Article