मुजफ्फरपुर पुलिस की एक ‘अनसुनी कहानी’ “पिटारा” में से निकल रहा है … एक आपराधिक मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस महकमे के बड़े साहब के निर्देश पर टीम राज्य से बाहर गयी … इन्वेस्टीगेशन की कड़ी में घटित अपराध के अपराधी की गिरफ़्तारी और अपराध कारित वाले साक्ष्य की बरामदगी मुख्य कार्रवाई थी … बड़ा साहब खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे … जिस थाना का मामला था उक्त थाना के कोतवाल के साथ परोसी थाना के भी कोतवाल छापेमारी दस्ता में शामिल रहे …

अपराधी की शिनाख्त के लिए मुख्य साक्ष्य की बरामदगी के लिए काफी प्रयास किए गए …. अपराधकर्मी की गिरफ़्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी रही … अपराध को अंजाम देने वाले के एक – एक कई करीबी उक्त जगह के पुलिस अभिरक्षा में आते चले गए लेकिन न अपराधी मिल रहा था न साक्ष्य … बड़ा साहब क्या कहेंगे उपलब्धि नहीं मिल रही इस चिंता में परोसी कोतवाल भोजन के जगह अल्पाहार ले कर कार्रवाई में जुटे रहे .

हुआ यूँ की टीम के बाहर जाने के बाद साहब खुद टीम की खैरियत लेते रहते हैं … जिससे टीम में उत्साह बढ़ता रहता है … एक दिन दूसर कोतवाल को भूख लगी हुई थी लेकिन टारगेट मिस न हो इसके लिए भूखे प्यासे लगते रहे ..भूख था कि पेट में ज्वाला फैला दिया … इतना में अंगूर बिकता नजर आया … अंगूर वाले से अंगूर लिया और दो तीन ही खाते हुए उसे एक तस्वीर दिखाया गया … तस्वीर दिखाते हुए कहा गया ‘ई हम्मर रिलेशन है घरवा भूल गइनी’ अंगूर वाले ने कहा अबके तो यही रहलन ओजे घर बा … टीम वहां पहुंची और फिर अपराध कारित से सम्बंधित मुख्य साक्ष्य पुलिस को मिल गया … साक्ष्य ने अपराध के सारे राज खोल दिए … एक अंगूर पुलिस को दे दिया बड़ा लाभ केश डिटेक्ट हो गया … बस आगे की कार्रवाई भी जल्द सामने आ जाएगी …