मुजफ्फरपुर में नगर निगम चुनाव के लिए मेयर, उपमेयर के साथ वार्ड पार्षद के लिए उम्मीदवार निर्वाचन से पूर्व जनसम्पर्क में लगे हैं. कौन किसके साथ है ये एक पहेली है, वार्ड पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार मेयर और उपमेयर उम्मीदवार के सम्पर्क में हैं और उन्हें अपने वार्ड से जीत दिलाने के वादों के साथ अस्वाशन दे रहे हैं, हद तो ये है इसमें कई ऐसे चेहरे हैं जो मेयर और उपमेयर के लिए दावा करते नहीं थक रहे, वह खुद चुनावी दंगल में कितना बाजी मारेंगे ये तो चुनाव के बाद सामने आएगा। वार्ड पार्षद ही नहीं मेयर और उप मेयर के लिए बने उम्मीदवार भी इसमें पीछे नहीं है, एक दूसरे को चुनाव जिताने के दावे के साथ जम कर रंग बदल रहे हैं.

चुनावी मौसम में गर्मी के बाद दिन प्रतिदिन जहाँ तापमान ठंढ हो रहा है, वहीं ठंढ तापमान के बीच मौसम की तरह नेता बदल रहे हैं अपना रूप, जिससे राजनीतिक तापमान गर्म दिखने लगा है . हर पल बदलती तस्वीर के साथ चुनावी दंगल निश्चित ही रोमांचक होते जा रहा है, वहीं इस रोमांचक बदलती तस्वीर के बीच भितरघात से इंकार नहीं किया जा सकता। शहर के एक बड़े कारोबारी जो कभी एक हत्या मामले में सुर्खियो में आए थे उन्हों ने एक महिला उम्मीदवार को अपना समर्थन दे दिया है. दूसरी तरफ पूर्व मेयर चुनावी दंगल में हैं. सवाल बड़ा है दो मेयर के ऐसे कैंडिडेट हैं, जो कहीं न कहीं से सीधे तौर पर इनदोनो को उस नेता का संरक्ष्ण प्राप्त हैं जो नगर निगम के राजनीती में दिलचस्पी ही नहीं दखल अंदाजी करते हुए नगर निगम के किंग मेकर के भूमिका में दीखते आ रहे हैं

उप मेयर की बात करें तो कपड़ा कारोबारी और अधिवक्ता भी मैदान में हैं तो दूसरी तरफ एक शिक्षित उम्मीदवार के रूप में डॉक्टर भी उप मेयर के रेस में हैं, महिला डॉक्टर कूटनीति से अलग अपनी उम्मीदवारी के साथ जनसम्पर्क में लगातार लगी हुई हैं, दोनों पुरुष उप मेयर की दो तस्वीर सामने आयी है, एक गर्मी के तपिस के बीच की है जिसमे पूर्व महापौर एक उप मेयर उम्मीदवार के साथ नजर आ रहे हैं वही दूसरी तस्वीर ठंड में क्षेत्र भ्रमण के दौरान दूसरे उम्मीदवार के साथ नजर आ रहे हैं, मौसम के साथ तस्वीर बदल जाती है तो ये राजनीति में कब कौन किसके साथ है, या यूँ कहें कौन किसके साथ रह कर भितरघात कर दे ये समझाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है … फिलहाल जनसम्पर्क के साथ जनता लुभावने वादों के ठंडे मौसम के सिमट रही है, जनता अपना फैसला जब देगी तो वादे और दावे वाले कई नेताओं को धूल चटा देगी चुनावी दंगल के मैदान में