मुजफ्फरपुर नगर थाना इलाके के बालूघाट इलाके में शनिवार के रात में घर में लगे आग और फिर वहां प्लास्टिक ड्राम मामले पर से अब पर्दा उठ गया है … शनिवार की रात नगर थाना एसएचओ ओम प्रकाश ने घटना स्थल वाले फ़्लैट को सील कर दिया था …. रविवार सुबह से ही लगातार तफ्तीश होती रही … मौके वारदात पर एफएसएल की टीम के साथ नगर डीएसपी राम नरेश पासवान, नगर थाना एसएचओ ओम प्रकाश दल बल के साथ मौजूद रहे …. बारीकी से घटना स्थल का जांच किया गया …. ड्राम के अंदर के शव को बाहर निकाल अर्धजले अवस्था में SKMCH में भेजा गया
मौके वारदात पर एसएसपी जयंत कांत ने खुद पहुँच कर पुरे फ़्लैट की जांच करते हुए घटना स्थल वाले कमरे का बारीकी से जांच किए .. एसएसपी ने नगर डीएसपी और नगर एसएचओ से काफी देर तक घटना के मामले पर समीक्षा किया … जांच में प्राम्भिक तौर पर पुलिस इस नतीजे पर पहुँच चुकी है कि हत्या कर शव को ठिकाने लगाने के लिए ड्रम में जलाया गया … शनिवार को जो अफवाह फैली थी विस्फोट की इसे कुछ कमरा में साक्ष्य नहीं मिला सिर्फ जले होने के पुरे साक्ष्य पुलिस को दिखा और मौके वारदात से एफएसएल की टीम ने कई नमूना को संकलित किया …
राकेश सहनी शराब कारोबारी के पत्नी और बच्चे के लिए सुभाष ने ही मकान मालिक से फ़्लैट किराया पर दिलाया था … सुभाष और राकेश सहनी के पत्नी के बीच हो गए थे नाजायज रिश्ते … ये रिश्ता ऐसा परवान चढ़ा की राकेश की पत्नी की बहन और छोटे बहनोई जो साथ रहते थे उनके भी जानकारी में रहा ….. इसके पीछे और भी राज है जो इस मामले में जांच की कड़ी जब पुलिस की आगे बढ़ेगी और कुछ आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ेंगे तो खुलासा होगा … सूत्रों की मानें तो त्रिकोणीय प्यार की ये कहानी में एक और पात्र आएगा सामने …..
राकेश सहनी को पूर्व में पुलिस ने शराब मामले में जेल भेजा था … जब भी राकेश जेल जाता था तो उसके बाद उसके छुड़ाने के लिए सुभाष अक्सर उसके घर आता जाता रहा … इन दिनों भी पुलिस के भय से राकेश फरार रह रहा था जिसका फायदा सुभाष ने उठाया और फिर राकेश के पत्नी के करीब आता चला गया … करीबी भी ऐसी की इसमें और भी बहुत कुछ होता रहा .. इसी बीच राकेश को इस बात की जानकारी मिल गई की अंदरखाने रिश्ते में कुछ नया हुआ है … जिसका विरोध अक्सर राकेश करने लगा … उसके बाद प्लानिंग के तहत हत्या की घटना को अंजाम दिया गया …. इस घटना के बाद सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं .
एसएसपी के तफ्तीश में एक बात और सामने आयी है … घटना वाले के मकान मालिक ने किसी भी किरायदार का पुलिस सत्यापन नहीं कराया … हद तो ये है कि जिस बिल्डिंग से 50 हजार से ऊपर का रेंट मकान मालिक प्रति माह कमा रहे हैं उस बिल्डिंग में एक भी CCTV कैमरा उपलब्ध नहीं है … मकान मालिक ने आखिर किस परिस्थिति में शराब मामले में तीन बार जेल गए शख्स के परिवार को किराया पर फ़्लैट दिया … इसके पीछे उनकी क्या सोच थी इस मामले में भी नगर डीएसपी जांच कर रहे हैं … घटना के पूर्व और घटना के बाद मकान के स्वामी का क्या गतिविधि रहा … इसका तकनीकी जांच भी शुरू किया गया …