बिहार का मुजफ्फरपुर जिला में अपराध नियंत्रण और उद्यभेदन एक बड़ी चुनौती रही है दशकों से जिला में. मुजफ्फरपुर में अपराध का ग्राफ कंट्रोल रखने के लिए पुलिस को लगातार सक्रिय रहना होता है, जिला में अपराध को अंजाम देने वाले अपराधी अलग – अलग रूप से पुलिस को चुनौती देते रहे हैं. सड़क लूट, बैंक लूट, सुपाड़ी हत्या, बदले की भावना के साथ हत्या, गैंगवार, के साथ शराब कारोबार में हत्या, जमीन कारोबार में हत्या के साथ कई रूप में रंगदारी और जमीन कब्जे के लिए धमकी हत्या ऐसे वारदात होते रहे हैं. कारोबारियों से लूट के वारदात में अक्सर नए – नए ग्रुप सामने आते रहे हैं. डीआईजी जयंत कांत वर्तमान में जिला के एसएसपी जयंत कांत के चौथे वर्ष के कार्यकाल का महज कुछ दिन ही शेष है जिला में, ऐसे में जिला के नागरिकों के बीच एक सवाल ये चल रहा है जिला का नया पुलिस कप्तान कौन होगा ?

थानेदार गाली के सहारे चला रहे थाना – पुलिस कप्तान के भावुकता का फायदा उठा रहे कई कोतवाल
मुजफ्फरपुर ऐसा जिला जहाँ शहरी क्षेत्र के साथ 16 प्रखंड है, थाना स्तर पर अक्सर लापरवाही कई थानों की सामने आते रहती है. जिला के वर्तमान पुलिस कप्तान के भावुकता का फायदा उठा रहे कई कोतवाल पूरी तरह से नाकाम दीखते हैं,

हाल की घटना पर गौर करें तो अहियापुर थाना क्षेत्र में गोली मार कर लूट हुई, कोतवाल दर्जनों कॉल आने के बाद भी कॉल रिसीव नहीं किए, एक कोतवाल जो बड़े तगमे के लिए लगातार पटना का दौर लगा रहे हैं उनकी उपलब्धि यही है की एक कर्मठ इंस्पेक्टर के द्वारा जिला में अपराध नियंत्रण के लिए किए कार्य के दौरान उनके पीछे रहे और फिर क्या तगमा तक के लिए फाइल दौर रहा है, इनके बारे में चर्चा ये है अक्सर गाली देने में सक्रिय रहे, कभी अकेला कोई बड़ी उपलब्धि नजर नहीं आयी. कहीं कोतवाल ऐसे भी हैं जिनके थाना से ट्रक ले भाग गए लोग लेकिन उनको कोई फर्क नहीं पर रहा. ऐसे थानेदारों को नए एसएसपी कैसे कंट्रोल करेंगे ये चुनौती है.

थानेदार कई जो तस्वीरों में नजर आते
जिला का थाना हो या ओपी उसमे अधिकांश तस्वीरों में नजर आते हैं प्रभारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अक्सर बड़े अपराध का अनुसन्धान जिला के वर्तमान एसएसपी जयंत कांत खुद अपने नेतृत्व में करते आ रहे हैं, एसएसपी का डीआईयू टीम और एसआईटी टीम के पदाधिकारी और पुलिसकंरियों के द्वारा कार्रवाई होती है. इन्ही टीम के द्वारा अपराधी पकड़ में आते हैं मामले का खुलासा भी होता है लेकिन तस्वीरों में वैसे कोतवाल नजर आते हैं जिन्हे ये भी जानकारी नहीं होता कि अपराधी गिरोह कब और कहाँ से पकड़ा गया. थाना स्तर पर कई थानों में सिर्फ अन्य कार्य के लिए कोतवाल नजर में रहते हैं, अन्य कार्य में सहयोगी होते है चहेते पुलिस पदाधिकारी थाना के और मुंशी के साथ निजी चालक.

नए एसएसपी को मिलेगा अपराधियों का बना बनाया डाटाबेस
मुजफ्फरपुर जिला में वर्तमान कार्यकाल में जयंत कांत ने वह कुछ कर रखा है जो आने वाले नए पुलिस कप्तान के लिए बड़ी सहूलियत देगी, सूबे के नए पुलिस मुखिया डीजीपी आर एस भट्ठी ने अपने सम्बोधन में जो बातें कही है, उन बातों में कई ऐसे योजना है जिसका पालन मुजफ्फरपुर में चल रहा था, जिसमे मुख्य रूप से अपराधियों का पूरा लिस्ट बनाना, लिस्ट की बात करें तो मुज़फरपुर जिला में अलग – अलग सभी अपराधी का एक कुंडली बना हुआ है. अपराधी की तस्वीर के साथ उसके द्वारा कारित किए गए अपराध की पूरी कुंडली बनी हुई है. ये कुंडली जो बनी यह किसी भी अपराध के बाद पुलिस के लिए महत्वपूर्ण जरिया बनता आ रहा है. नए एसएसपी के लिए पूर्व से बनी हुई कुंडली एक बड़ा हथियार साबित होगा, अपराधियों पर नकेल कसे रहने के लिए, अपराधियों का एक डाटाबेस पूर्व से तैयार है ऐसे में नए एसएसपी के लिए राहत होगा
(आगे पढ़ें जल्द कैसे होता था अपराध का खुलासा)