मुजफ्फरपुर पुलिस पर अगर फिल्म बने तो शायद 03 घंटे में भी क्लाइमेक्स नहीं आएगा फिल्म का … क्लाइमेक्स नहीं आने देने के पीछे कुछ पात्र ऐसे होंगे फिल्म के जो सीन को ख़त्म ही नहीं होने देंगे …
जिला के पुलिस कप्तान दिन रात एक कर अपराध पर काबू रखने में जुटे हुए हैं वहीं उनके द्वारा ही बनाए गए कोतवाल जिला पुलिस के छवि को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं … पूरा घटनाक्रम मात्र 18 घंटे के अंदर की ही है … “बोली की गोली” कॉलम में नाम जिला का खुलासा अब तक नहीं किया गया लेकिन इस मामले में नाम और जिला का खुलासा करना इस लिए आवश्यक है की अधिकारी भी देखें जिला में क्या चल रहा है खेल …

सत्येंद्र Vs सत्येंद्र ?
जिला के दो महत्वपूर्ण थाना में दो सतेंद्र कोतवाल हैं … सदर थाना में सत्येंद्र कुमार मिश्रा तो काजीमोहम्मदपुर में सत्येंद्र सिन्हा … सदर थाना में मंगलवार 9 बजे के बाद रात्रि में बाइक लूट होती है पांच घंटे के अंदर बाइक बरामद .. दो लुटेरों के साथ दो अन्य बाइक भी बरामद ….. मंगलवार की रात गुजरी बुधवार आज दिन के ढाई बजे के बाद काजी मोहम्मदपुर इलाके में थाना से कुछ दूरी पर एक बाइक की चोरी होती है … बाइक चोर गाड़ी चोरी कर अघोरिया बाजार की तरफ भागते हैं … पीड़ित थाना पहुँच आवेदन देते हैं। … चोरी की घटना का CCTV भी मौजूद रहता है … लेकिन न तो बाइक का पीछा किया गया न ही आवेदन की रिसीविंग दी गयी … कहा गया बड़ा बाबू यानी सतेंद्र सिन्हा थाना पर नहीं हैं कल रिसीविंग ले लेंगे … हालत ये है इस थाना क्षेत्र में रात में दो कार चोरी हो गयी लेकिन पुलिस के हाथ खाली … हाँ ये जरुर है रात में चेकिंग एक बजे होती है हेलमेट के लिए … बाकी अधिकारी तो समझते ही है चेकिंग रात में हेलमेट का क्यों ?