संचित खबर को व्यंग्य के माध्यम से समाज में लाने का प्रयास में आज ले कर आए हैं पेंटिंग के बाद थिनर की जगह लाल पानी की बू …. हुआ यूँ की एक विभाग का कुर्सी गया तो उस कुर्सी पर एक नए आए …. कुर्सी वाले को अंदर में एक आशियाना मिला … आशियाना का रंग रोगन बाबू को भाया नहीं …. बाबू ने सोचा अब तो दाखिल खारिज ही अपना है तो फिर उन्हों ने उसके साज सज्जा करना चाहा …
इसके लिए उन्होंने ऐसे शख्स को चुना जो उक्त कार्यालय से तो दूर इलाके में नगर नहीं आता था … और फिर उक्त शख्स के द्वारा ही रंगीन बनाने के लिए जिम्मा उठा लिया … रंग रोगन तो हुआ लेकिन अब इलाके में चर्चा है थिनर की जगह लाल पानी वाली बू आयी … लाल पानी की बू का मकसद ये है स्थानीय लोगों का कि जिस शख्स के द्वारा कराया गया उसकी आय का स्रोत न सिर्फ लाल पानी अन्य अनैतिक कार्य से भी है …