बिहार में PMGSY में चलता कमीशन – निगरानी के हत्थे चढ़े Assistant Engnieer और JE “INSIDE STORY”

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बिहार में निगरानी के द्वारा लगातार कार्रवाई के बावजूद कमिशनखोड़ी और घुस बंद होने का नाम नहीं ले रहा है  … शायद ही ऐसा कोई विभाग हो जिसमें बगैर रिश्वत के काम हो जाए   …
एक बार फिर निगरानी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रधान मंत्री सड़क योजना के तहत कार्य किए हुए ठेकदार से रिश्वत लेते रंगे हाथ क्षेत्र के कनीय अभियंता और उनके साथ सहायक अभियंता को गिरफ्तार किया है  … बिहार निगरानी के विशेष धावा दल द्वारा डीएसपी अरुण पासवान के नेतृत्व में अररिया जिलान्तर्गत ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता हेमचन्द्र लाल कर्ण को 62 हजार एवं कनीय अभियंता फुलेश्वर रजक को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया   … गिरफ्तरी के बाद सहायक अभियंता हेमचन्द्र लाल कर्ण उर्फ़ करण बाबू के घर पर जब निगरानी की टीम पहुंची तो करण बाबू के घर से 6 लाख 50 हजार के करीब रुपया बरामद किया गया
गिरफ़्तारी के बाद निगरानी डीएसपी अरुण पासवान की सुने 

 

 

क्या है मामला कैसे हुआ डिमांड घुस का 
नालंदा जिला के हिलसा थाना क्षेत्र के उमाशंकर प्रसाद के पुत्र शिव कुमार वर्मा ने निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज कराया था कि ग्रामीण कार्य विभाग में ठेकेदारी करता हूँ जिसके लिए लाइसेंस प्राप्त है   … प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना का बिल भुगतना कराने के लिए 4 जुलाई 22 को ग्रामीण कार्य विभाग के प्रमंडल अररिया के कनीय अभियंता फुलेश्वर रजक से मिला  .. बिल भुगतान के बदले कमीशन की मांग की गयी  … कहा गया इसमें कारण बाबू से मिल कर बात कर लें  … कमीशन के तौर पर करण बाबू का 62 हजार और हमारा 40 हजार रुपया दे दें तब पेमेंट हो जाएगा
त्रिवेणीगंज हुआ ट्रांसफर मेरा,पहले मेरा दे दें JE यहीं रहेंगे उनका बाद में दीजिएगा  कमीशन 
SDO यानी विभाग के Assistant Engineer सहायक अभियंता हेमचन्द्र लाल कर्ण उर्फ़ करण बाबू को प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना जो पीएम मोदी के पद से जुड़े नाम का है उस योजना में भी नाजायज नजराना लेने से बाज नहीं आए   … हद ये है सहायक अभियंता हेमचन्द्र लाल कर्ण खुद बताते हैं मेरा ट्रांसफर हो गया पहले मेरा क्लियर कर दें  … बाद में JE साहब को दे दीजिये
निगरानी धावा दल का गठन सत्यापन के बाद कैसे हुई कार्रवाई “इनसाइड स्टोरी”
निगरानी विभाग के द्वारा शिव कुमार वर्मा के आवेदन पर मामला का सत्यापन किया गया तो वादी के कथन और दोनों सरकारी कर्मी के बीच हुए वार्ता का सत्यापन में सही पाया गया  … निगरानी की टीम एक पान के दुकान पर 29 जुलाई 22 को संध्या में कनीय अभियंता फुलेश्वर रजक के साथ हुई वार्ता को सुना  …
निगरानी डीएसपी अरुण पासवान
उसके बाद फिर उसी स्थान पर शाम सात बजे के करीब सहायक अभियंता हेमचन्द्र लाल कर्ण उर्फ़ करण बाबू का भी सत्यापन किया गया  .. सत्यापन के बाद निगरानी विभाग द्वारा एक धावा दल का गठन किया गया  …धावा दल प्रभारी अरुण पासवान डीएसपी के साथ अरुणोदय पांडेय डीएसपी, खुर्शीद आलम डीएसपी, सत्येंद्र राम इंस्पेक्टर, मिथिलेश कुमार जायसवाल इंस्पेक्टर, योगेंद्र कुमार इंस्पेक्टर, अविनाश कुमार झा और गणेश कुमार एसआई, राजीव कुमार ASI के साथ सिपाही मणिकांत सिंह, शशि कान्त शामिल थे
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