“पिटारा” से निकला है अनसुनी कहानी में आज वह दर्द का वक़त जब पुलिस विभाग में हुआ था दर्दनाक घटना … इस दर्द में बगलामुखी मंदिर के महंत अजित रहे साथ …

बात उन दिनों की है जब मुजफ्फरपुर में शराब पकड़ने के लिए दलबल के साथ डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद एनएच पर मध्य रात्रि में मौजूद थे, एक तेज रफ़्तार ट्रक सभी को रौंदते हुए फरार हो गया कुछ पुलिस कर्मी शहीद हुए तो कई घायल … कृष्ण मुरारी प्रसाद डीएसपी मुजफ्फरपुर के माँ जानकी अस्पताल लाए गए … तत्कालीन डीएम धर्मेंद्र सिंह तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार के साथ भाड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मी अस्पताल के बाहर दुआ कर रहे थे … इसी बीच कृष्ण मुरारी प्रसाद को एक तरफ़ा चाहने वाले एक शख्स दिल्ली में थे, उन्हों ने अहले सुबह महंत अजित श्रीवास्तव को कॉल किया और बोले डीएसपी के बचाने के लिए माता के दरबार में प्राथना कीजिए … महंत ने कहा इसके लिए अनुष्ठान के साथ वृहद हवन होगा … दिल्ली में बैठे शख्स ने कहा कीजिए … हम समझेंगे जो पूजा सामग्री लगेगी … इस बीच रेफर हो कर दूसरे जिला डीएसपी साहब गए …

21 दिन का वृहद हवन हुआ अनुष्ठान हुआ और फिर कुछ दिन के बाद डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद जब स्वास्थ्य हुए तो वही शख्स ने कॉल कर बताया कि एक बार माता बगलामुखी मंदिर चले जाएं और दही अन्य सामग्री माता के चरणों में अर्पित करें … डीएसपी ने भी ऐसा ही किया और पत्नी के साथ मंदिर पहुंचे और माता बगलामुखी के चरणों में श्रद्धा अर्पित किया और माता को दूसरी जिंदगी देने के लिए माता का चरण स्पर्श किया पत्नी के संघ … महंत आज अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन मुजफ्फरपुर में कई इतिहास है जिसमे महंत अजित श्रीवास्तव के चर्चा होती रहेगी … अजित कुमार उन इतिहास के पन्नों में अमर रहेंगे …