‘अनसुनी कहानी’ के “पिटारा” में ले कर आए हैं ढाई वर्ष पूर्व की वह कहानी जिसे जान कर आप तो हैरान होंगे … वहीं जब ये घटनाक्रम चल रहा था तो कोतवालों के उड़ गए थे होश … बांस से मतलब है बांस की सीढ़ी जिस पर आम तौर पर कोई अधिकारी तो दूर कोतवाल भी पुलिस कर्मी जवान को चढ़ा देंगे … लेकिन ये ऐसे कप्तान थे जो जिला को समझ रहे थे … उस समझने की कड़ी में एक बड़ी कड़ी ये थी की शराब का आयत जो हो रहा है उसका सही ग्राफ नजर से खुद देखें … कहीं लापरवाही या फिर अंदरखाने कोई खेल तो नहीं चल रहा …
बांस वाली खबर है मुजफ्फरपुर की …
जिला में एसएसपी जयंत कांत आए थे कुछ दिन बाद ही उन्हें गुप्त सूचना मिली की तीन थाना के बॉर्डर से जुड़े जगह पर शराब का बड़ा खेप आया है … एसएसपी जयंत कांत खुद लीड करने पहुँच गए … मिठनपुरा और बेला इलाके में … कैम्पस में ट्रक लगा था जांच शुरू हुआ …एक नाटे कद वाले ने अंदाजन या फिर भरमाने के लिए बोल दिया सर 400 कार्टन के आसपास होगा … कुछ जवान चढ़े थे ट्रक पर … एसएसपी ने एक बांस की सीढ़ी के सहारे खुद चढ़ गए और फिर खुला राज 600 से अधिक कार्टन था शराब का … एसएसपी के चढ़ते एक कोतवाल ने कहा ‘बाप रे अब तो साहेब चढ़ गइलन’