मुजफ्फरपुर में हाल के दिनों में हुए दो कारोबारी की हत्या के बाद जमकर पुलिस की फजीहत हुई … शहर के चाचा बनने वाले हो या फिर लाठी बाटने वाले हो या वह जो खुद को कारोबारियों का सहयोगी बन अपनी तस्वीर खिंचवाते हुए मीडिया में चमकने के लिए पुलिस के खिलाफ आकर्षक ‘आक्रोश मार्च’ निकाल लेते हैं .. हद तो ये है आत्मा की शांति के लिए कैंडल मार्च नहीं निकाला … निकला भी तो पुलिस के खिलाफ कैंडल मार्च … टारगेट पुलिस को बनाया जाता है .. उस कैंडल मार्च में शूटर के करीबी और हत्या के साजिशकर्ता भी होते हैं शामिल लेकिन कैंडल मार्च में शामिल लोग उसे चिन्हित नहीं करते … शहर के चाचा बनने वाले और समाज के ठेकेदारों के इशारे पर पुलिस के अनुसंधान को प्रभावित करने के लिए बे वजह शहर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने में जुट जाते है …

मोबाइल कारोबारी अभिषेक हत्या में एक कारोबारी शामिल था .. उसने ही साजिश रच हत्या लूट की घटना को अंजाम दिया था … वहीं करोड़ो के गुटखा कारोबार से जुड़े गोविन्द हत्या कांड में भी कारोबारी का ही नाम सामने आया … इस घटना के कुछ मिनट बाद ही जिला के पुलिस कप्तान जयंत कांत को ये जानकारी मिल गयी थी की व्यापारिक प्रतिस्पर्धा वजह है हत्या का … पुलिस को मृतक गोविन्द के भाई ने ही शुरुआत में भ्रम के डाला …. भाई ने सही ट्रांजेक्शन की जानकारी दिया होता पुलिस को, तो शायद 24 घंटे के अंदर मामला का खुलासा हो जाता … गुटखा कारोबार करोड़ो ब्लाइंड कारोबार है इस लिए पुलिस को अँधेरे में रखा गया …
देखें वीडियो एसएसपी जयंत कांत को मिला PMB न्यूज़ के खबर से महत्वपूर्ण लीड
https://youtu.be/5c264J4Ynxo
हत्याकांड के बाद शहर के तीन कारोबारी के बीच पुलिस की जांच शुरू हुई इसी बीच एक खबर PMB न्यूज़ पर आया जिस खबर ने पुलिस के जांच के दिशा को बल दिया और फिर पुलिस ने 16 घंटे के अंदर कांड का न सिर्फ खुलासा किया …SSP जयंत कांत ने दिया जानकारी PMB न्यूज़ से जांच के दिशा में मिला लीड …

साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर उसी स्थान पर पहुंची जहाँ शहर के चाचा ने बैनर लगा पुलिस की फजीहत किया …. पुलिस मुठभेड़ के बाद शूटर की गिरफ़्तारी के साथ पुलिस ने चाचा को जबरदस्त जोड़ का झटका धीरे से दिया कांड का खुलासा कर … अब एक बार भी शहर के चाचा नजर नहीं आए तस्वीरों में … खुलासा कर पुलिस ने जो चपत दिया चाचा को वह उनके फजीहत के स्क्रिप्ट पर भारी रहा …