कुढ़नी में किंगमेकर के जंग में कौन मारेगा बाजी ? केदार, मनोज के साथ चार दिग्गज का फंसा प्रतिष्ठा

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मुजफ्फरपुर में कुढ़नी उपचुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष चुनाव के दिन दो तरफ़ा नजर आया. सीधी टक्कर महागठबंधन उम्मीदवार मनोज कुशवाहा और भाजपा के केदार गुप्ता के बीच हो गया, हालांकि चुनाव के मतदान समाप्ति तक केदार गुप्ता की बौखलाहट ये बताने के लिए काफी था कि टक्कर कांटे की हो गयी, लाजमी है एक तरफ़ा चुनावी जंग जितने की अभिलाषा के बीच भाजपा का मोदी फैक्टर तो काम आया लेकिन व्यक्तिगत रूप से देखा जाए तो जनता मनोज और केदार के बीच तुलनात्मक तराजू में मनोज आगे दिख रहे थे, वहीं भाजपा को लॉक डाउन के दौरान केंद्र से दिए गए राहत के वजह से मोदी फैक्टर का ही साथ मिला केदार गुप्ता को
राजपूत का नेता कौन छिड़ी बहस में आमने सामने पति पत्नी 
राजपूत का नेता कौन है इस मुद्दे पर सांसद विणा देवी ने जो बोला उसके बाद कई सवाल उठे, दिनेश सिंह राजपूत के नेता या विणा देवी, भाजपा की जित होती है तो विणा देवी राजपूत वोटरों को गोलबंद करने में भूमिका निभा दीं ये कहना गलत नहीं होगा. सवाल ये उठेगा की विणा देवी भाजपा के पक्ष में गोलबंद कर दीं तो दिनेश सिंह का राजपूतों में वह पैठ नहीं है या फिर दिनेश सिंह को राजपूत नकार दिए अपना नेता मानने से, वहीं अगर जीत जदयू नेता जो दिनेश सिंह के करीबी माने जाते हैं उनकी जीत होती है तो पति के सामने पत्नी विणा देवी का राजपूत समाज में वह ओहदा नहीं है जो दिनेश सिंह का है
भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट में टूट !
मुजफ्फरपुर में बोचहां उपचुनाव में भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सम्मान जो देगा उसी के साथ है के भाषण के साथ राजद उम्मीदवार को जीत दिलाने में आगे रहे, उस चुनाव में सुरेश शर्मा की अनदेखी भाजपा में देखने को मिली थी, वहीं रामसूरत राय के द्वारा दिए गए कई बयान फ्रंट को आहात किया था नतीजा भाजपा हार गयी,
भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट में टूट तब सामने आया जब सुरेश शर्मा अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में गोलबंद करने में कामयाब हो गए जातीय मतदाताओं को, भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट ने मुकेश सहनी द्वारा घोषित उम्मीदवार को मदद में था, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कल तक भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट जो था उसमे दरार आ गया कुढ़नी चुनाव में
कुढ़नी में किंगमेकर की जंग 
कुढ़नी में तीन उम्मीदवार के साथ कई चार किंगमेकर की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है, सुरेश शर्मा और विणा देवी भाजपा के किंगमेकर की भूमिका में रहे, अजित कुमार पूर्व मंत्री नीलाभ के साथ दिखे, वहीं दिनेश सिंह एमएलसी जदयू में है तो लाजमी है मनोज कुशवाहा को इनका साथ मिला, अब चुनावी नतीजे आने के बाद किसकी प्रतिष्ठा बची किसकी गयी ये साफ़ होगा, वहीं चुनवी गणित की बात करें तो उम्मीदवार दो ही मुख्य रहे मनोज और केदार दोनों के भविष्य की राजनीति हार जीत पर टिक गयी है
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